मुझको क्या डराओगे मौत से मैं तो पैदा ही क़ातिलों की गली में हुआ हूँ। 😠
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मुझे अब महफिलों में लौट कर आना पड़ेगा, फर्क होता है बाप और बेटे में, बताना पड़ेगा।😠
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थम के रह जाती है ज़िंदगी जब जम के बरसती है पुरानी यादें
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दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको, हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते है !❤️🔥
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कुछ तो मजबूरियां रही होगी उनकी भी, यूं चाहकर तो कोई बेवफा नहीं होता .
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सच्ची दोस्ती एक अच्छे स्वास्थ की तरह है, खोने पर ही उसकी महत्वता पता चलती है
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उन्होंने पूछा तोहफे में क्या चाहिए, हमनें कहा वो मुलाकात जो कभी ख़त्म ना हो।
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नफरत के बाज़ार में जीने का अलग ही मज़ा है, लोग रुलाना😢 नहीं छोड़ते हम हसना😆 नहीं छोड़ते….!!
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अगर पहले हम ये जन लें की हम कहाँ पर हैं और हम किस दिशा में जा रहे हैं, तो हमें क्या और कैसे करना चाहिए इसका बेहतर निर्णय कर सकते हैं
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हल्दी लगाने की उम्र है मेरी और लड़कियाँ चुना लगा कर जा रही है
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खुशनसीब है जो तुम्हे देख पाते है ❤️ हर किसी को यार का दीदार नसीब नहीं होता है।। 🥰
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अब तो खुद को भी निखारा नहीं जाता मुझसे _वे भी क्या दिन थे कि तुमको भी संवारा हमने ...?
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वो वक़्त कुछ और था, वो इश्क़ का दौर था, ये वक़्त कुछ और है, ये ख्वाहिशों का दौर है.!
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ग़ालिब ने खूब कहा है - ऐ चाँद तू किस मज़हब का है , ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
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खुद से बातें करने लगी हूँ, वैसे भी आजकल लोग सुनते कहाँ हैं ,
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कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, कोई धन बिन रहत उदास | थोड़े थोड़े सब दुखी, सुखी सिर्फ मेरे सतगुरु के दास ||
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मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हज़ार थे !! 🥺
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लाज़मी है तुम्हारा खुद पर गुरूर करना, हम जिसे चाहे वो मामूली हो भी नहीं सकता..😍😍
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न जख्म भरे...,न शराब सहारा हुई..न वो वापस लौटी... न मोहब्बत दोबारा हुई.....!!
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दुश्मन चाहे कितने भी हो पर दोगला यार एक भी न हो |💯
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जिसे सोचकर ही चेहरे पर ख़ुशी आ जाए वो खूबसूरत एहसास हो तुम.
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हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल की, बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !
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अजीब अंदाज़ है मेरे महबूब की मासूमियत का, मैं तस्वीर में भी देखूँ तो वो पलकें झुका लेती है |🥰🥰
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ज़िंदगी में मोहबत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती दोस्तो !!
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उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की । हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली ।
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फितरत हैं महोबत करने वालो की नहीं मिले तो सब्र नहीं करते, मिल जाए तो कदर नहीं करते |
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जब किस्मत में ही न हो कोई परी तो फिर किस बात की 14 फरवरी
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मिजाज़ में थोड़ी सख़्ती भी होनी चाहिये साहब, लोग पी जाते अगर समन्दर खारा न होता !!"
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मिली है किसी को बिन मांगे वो, हमें तो इबादत के बाद भी इंतजार ही मिला है. 💔
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दिल पर लग जाती है उन्हें अक्सर हमारी बातें , जो कहते थे तुम कुछ भी बोलो बुरा नहीं लगता...
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