घुटन सी होने लगी थी, इश्क जताते जताते, हम खुद से रूठ गए थे, किसी को मनाते मनाते |🥺
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किस_किस बात का गिला करें इस बेवफा जमाने मे, किसी ने दोस्ती छोडी , किसी ने दिल तोड़ा , किसी ने वादे तोड़े और , किसी ने तनहा छोड़ा !!!
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एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को, बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर में..!!
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ज़माने को क्यों बताऊँ क्या हो तुम मेरे लिए, तुम्हें खामोशी से चाहना भी मुझे अच्छा लगता हैं ❤️
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नफरत भी हम हैसियत देख कर करते है.. प्यार तो बहुत दूर की बात है। 🔥🔥
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झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है, बाज़ की उड़ान में कभी आवाज नही होती।
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दुनिया आज भी मेरी दीवानी है और एक हम है कि उनके इंतज़ार में तन्हा बैठे रहते है।
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भुलना भुलाना तो दिमाग का काम है, बेफिक्र रहिए जनाब आप दिल में रहते है..!! 💕
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किसे पुछूँ ? है ऐसा क्यों ?…बेजुबान सा ये जहां है ..
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राज तो हमारा हर जगह पे है, पसंद करने वालों के दिल में और नापसंद करने वालों के दिमाग में |😇
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कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, कोई धन बिन रहत उदास | थोड़े थोड़े सब दुखी, सुखी सिर्फ मेरे सतगुरु के दास ||
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कुछ लोग जब बोल नहीं पाते , बस रो देते है ...
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खुदखुशी की तो हिम्मत नहीं मुझमे, बस दुआ है के कोई हादसा हो जायें 💔
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हमने कहा दीवानगी क्या होती है, उसने कहा दिल तुम्हारा हुकूमत हमारी.
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परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी....
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हजारों उलझनें राहों में, और कोशिशें बेहिसाब; इसी का नाम है ज़िन्दगी, चलते रहिये जनाब। 💯
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तकदीर और मजहब ने अलग कर रखा है, वरना ये दिल तो कबसे उसका हो रखा है ।।❤️❤️
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नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं, मैंने तो दर्द को भी चाहा है, अपना समझ कर |🥰
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आखिर में खतम हो ही गए, वो रिश्ते उन लोगों से जिन्हे मिलके ये लगा था, की ये लोग जिन्दगी भर साथ देंगे |
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शरीफ थे तब सबने बदनाम किया, जबसे बुरे बने तो दुश्मन ने भी सलाम किया..!
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जो होकर भी ना हो.. उसका होना कैसा... नाम के रिश्तों से शिकवा कैसा..रोना कैसा....
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कभी रहमत करना मेरी दिल्लगी पे ज़ालिम ,हम बाजारों में नहीं, हजारों में मिलते हैं |😎
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नजरें 👀 झुकी थी और चेहरे 😊 पे क्या नूर था, उसकी सादगी में भी कितना गुरुर था!❤️
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फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया.. जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था
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क्या फायदा ऐसी मोहब्बत का... कि मैं उदास रहूँ और तू सोया रहे..
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देखने के लिए सारी कायनात भी कम, चाहने के लिए एक चेहरा भी बहुत है |🥰
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तकलीफ तो जिंदगी देती हैं,🥺 मौत को तो लोग युही बदनाम करते हैं...! 💯
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वो किताब लौटने का बहाना तो लाखों में था लोग ढूंढ़ते रहे सबूत पेगाम तो आखों में था |
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तेरे चेहरे में ऐसा क्या है आखिर, जिसे बरसों से देखा जा रहा है
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खुदगर्ज़ है लोग यहाँ, मतलबी है ज़माना, बात अगर मेरी झूठी लगे तो, कभी अपनों को भी आज़माना।💯
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