याद हैं हमको अपने तीनो गुनाह ! एक तो मोहबत कर ली, दूसरा तुमसे कर ली और तीसरा बेपनाह कर ली...!
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कौनसा अंदाज़ है ये👩तेरी महोब्ब्त का💗, ज़रा हमको भी समझा दे…मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते..!!
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अजब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं |
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झुण्ड की जरूरत तो कमजोरो को पड़ती हैं , तबाही मचाने के लिए तो मुझ जैसा एक शेर ही काफी हैं .💪 💪
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दुश्मन चाहे कितने भी हो पर दोगला यार एक भी न हो |💯
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लाख तेरे चाहने वाले होंगे मगर तुझे महसूस सिर्फ मैंने किया है
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जब तक खुद पर ना गुजरे, एहसास और जज़्बात मजाक लगते है...!
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फितरत तो कुछ यूं भी है इन्सान की बारिश ख़त्म हो जाए तो छतरी भी बोझ लगती है ✔️
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इश्क़ की पतंगे उड़ाना छोड़ दी हमने वरना, हर हसीना की छत पर हमारे ही धागे हुआ करते थे।😎
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तुम मेरे हो, ये अफ़वाह फेलाह दूँ क्या ? मुझसे जलने 🔥 वालों को थोड़ा और जला 🔥 दूँ क्या ?
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जरा सा भी नहीं पिघलता दिल तुम्हारा, इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से खरीदा ..❤️🔥
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दिमाग गरम है कृपया तंग न करें
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कभी सोचा नहीं था, वो भी मुझे तनहा 🥺 कर जाएगी, जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी, मैं हूँ ना... ❤️
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मेरा दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है
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बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था |
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ज़िन्दगी से यही सीखा है मेहनत करो रुकना नहीं हालत कैसे भी हो किसी के सामने झुकना नहीं
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कितनी जल्दी फैसला कर लिया जाने का, एक मौका भी नहीं दिया मनाने का
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"न कर मोहब्बत ये तेरे बस की बात नहीं, वो दिल मोहब्बत करते हैं जो तेरे पास नहीं!"
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हजारो चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको.. पर. दिल भी जिद पे अड़ा था कि अगर बो नहीं , तो उसके जैसा भी नहीं।
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किसी और की क्या तारीफ करना, जब मेरा हमसफर ही लाजबाव हैं.
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जब तुम पास होते हो तब दिल चाहता है की वक़्त रुक जाए.... 😍❤
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न जाने कैसा नशा है ये आशिक़ का इसमें इंसान कम और खिलौना ज्यादा नज़र आता है |
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हम रिश्ते कम बनाते है मगर दिल से निभाते है
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जिसको जो कहना💬 है कहने दो, अपना क्या जाता है, 😏 ये वक्त⏳वक्त की बात है, और वक्त⏱ सबका आता है😎
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हजारों उलझने राहों में, 🤔 और कोशिशे बेहिसाब, इसी का नाम है जिंदगी, चलते🚶रहिए जनाब।
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वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया!!❤️
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उनके प्यारे से चेहरे पर रंग लगा देते! वो पास होते तो हम भी होली मना लेते !!
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कभी आओ इस क़दर की आने में लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाये
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कितनी झूठी है ना मोहब्बत की कसमे, देखो ना ! तुम भी जिन्दा हो, मै भी जिन्दा हुँ
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कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी , कोई याद ना भी करे, तो चाहत फिर भी रहती है
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