मोहब्बत नहीं है उसे मुझसे ये जानता हूँ मैं फिर भी ये बात कहाँ मानता हूँ मैं
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दुनिया का उसूल हैं दोस्त जिस चीज़ के बारे में सोचना छोड़ दोगे झक्क मार के तुम्हारे पीछे आएगी
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ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं, शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही
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लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लू तो ख्याल तुम हो, मांग लू तो मन्नत तुम हो, और चाह लू तो मोहोब्बत भी तुम ही हो
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उनकी नफरत बता रही है, हमारी मोहब्बत गज़ब की थी 😊
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सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस माँ के चरण में
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शादीशुदा लाइफ का मजा ही कुछ अलग...है 😍😍😍😍 खाने को मिले या ना मिले, सुनने को भरपूर मिल जाता है...
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खुशियाँ दिखावे की हो सकती हैं, जनाब ग़म तो छुपाने से भी नहीं छुपता है|
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बाज कभी कबूतरों के साथ उड़ान नहीं भरता..!
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फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया.. जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था
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यकीन रखिए, रब दूसरा दरवाजा खोले बगैर पहला दरवाजा बंद नहीं करता |
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“कुछ को हकीकत कुछ को ख्वाब करना है, बोहत से लोग है जिनका हिसाब करना है।”🔥🔥
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लोग कहते है समझो तो खामोशियाँ भी बोलती है, मै अरसो से खामोश हूँ, वो बरसों से बेखबर है 💔
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इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी, हमें कौनसी सदियाँ गुजारनी है यहाँ.
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जरुरी नहीं है कि काम से ही इंसान थक जाए कुछ ख्यालो का बोझ भी, इंसान को थका देता है.
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ऐसे कार्य करें जिससे की आपको लगे कि आपके काम से अंतर आ रहा है. और अंतर आता भी है
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खुद से थोड़ी वफ़ा कीजिए, जो ना मिले उसे दफा कीजिए!😎🙏
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नींद भी नीलाम हो जाती है, बाज़ार-ए-इश्क में, किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता। ❤️
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वो किताब लौटने का बहाना तो लाखों में था लोग ढूंढ़ते रहे सबूत पेगाम तो आखों में था |
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मेरा सफर अच्छा है, लेकिन मेरा हमसफर उससे भी अच्छा है!
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कोई शख्स तो यूँ मिले, के वो मिले तो सुकून मिले...
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मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है , किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है...!!
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तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया ❤️
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शरीफ थे तब सबने बदनाम किया, जबसे बुरे बने तो दुश्मन ने भी सलाम किया..!
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अजनबी कहें की अपना कहें …अब क्या कहें, क्या ना कहें …
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मुझे "परखने " में पूरी ज़िन्दगी लगा दी उसने काश कुछ वक़्त "समझने" में लगाया होता
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जय माँ वैष्णो देवी..पहाडा वाली..ज्योता वाली॥
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नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं, मैंने तो दर्द को भी चाहा है, अपना समझ कर |🥰
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जो बीत गया सो बीत गया…आने वाला सुनहरा कल है वो…..मैं कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी हर मुश्किल का हल है वो
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उम्मीदों से है घायल ,उम्मीद पे ज़िंदा है ….आस भरी अरदास को तू ऐसे ना ठुकरा …
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