एक घुटन सी होती है जीने में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं
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मोत से पहेले भी ऎक मौत होती हे..! देखो जरा तुम जुदा होकर किसी से..!
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तुम जब कहोगे हम तब मिलेंगे, लेकिन एक शर्त पर, न घड़ी तुम पहनोगे, न वक्त हम देखेंगे।❤️❤️
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अक्सर बीत जाती है मेरी राते, ये सोचते सोचते की क्यों मोहब्बत की मैंने उनसे |
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जरुरी 👍 नहीं कि ❌ आपका कुत्ता ही वफादार निकले, वक़्त आने ⏱ पर आपका 🤝 वफादार भी कुत्ता 😡 निकल 🙏 सकता_है |
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कभी कभी नाराजगी, दूसरों से ज्यादा खुद से होती है।😊
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जो लोग मेरे दिल मे रहते है कराया दे दो प्लीज
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अपनी पीठ से निकलें खंजरों को जब गिना मैंने, ठिक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने।😊😊
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कोई नहीं था दिल में उसके सिवा, फिर भी उसने तोड़ कर देखा.
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अपने ही हमें खुश नहीं देखना चाहते, तो गैरों से क्या शिकायत |🙏🙏
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कब तक बातों से दिल ❤️ बहलायें,अब वो मुझे रूबरू चाहिए !! 😊
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उसकी सलामति की दुआ, रोज मांगते है। दिन में एक दफ़ा खुदा से, भीख मांगते है। 🤲🤲
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*दोस्त बेशक एक हो* *लेकिन ऐसा हो,* *जो अलफाज से ज्यादा* *खामोशी को समझें*
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बर्दाश्त नहीं तुम्हे किसी और के साथ देखना, बात शक की नहीं हक़ की है...!!
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अच्छा हूँ या बुरा हूँ, अपने लिए हूँ ,मैं खुद - को नहीं देखता औरों की नज़र से !😊😊
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इतने बड़े बनो कि जब आप खड़े हों तो कोई बैठा न रहे। 💯
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आज कल लोगो को अपना प्यार भी, Free_Time पर याद आता हैं !! 💯
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आज अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत रोया, कुछ देर बाद एहसास हुआ ये तो मेरा ही साया है।
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मोहब्बत कभी खत्म नही होती या तो बढ़ती है दर्द बनकर या फिर सुकून बनकर..।।
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जब दिल गैरो मैं लग जाए तब अपनों मैं खामिया नजर आने लगती है
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मैं जो जी रहा हूँ …वज़ह तुम हो.. वज़ह तुम हो..
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सब कुछ पा लिया तुमसे इश्क़ करके बस कुछ रह गया तो वो तुम हो...🥰🥰
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खुशीयां तो कब से रूठ गई हैं मुझसे, काश इन गमों को भी कीसी की नजर लग जाये ।
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कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान ! जय श्री राम
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सुकून क्या है हम नहीं जानते, शायद ये वो है जो आपको याद कर के मिलता है.!
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दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते है |☺️☺️
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क्या पता था कि मोहब्बत ही हो जायेगी, हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था |
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पूछा ऊपर वाले से मैंने कि मेरी मोहब्बत अधूरी क्यूँ लिखी,, वो भी कहकर रो पड़ा मुझे भी राधा कहाँ मिली.🥺🥺
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क्यूँ उदास बेठे हो इस तरहा अंधेरे मैं, दुःख कम नहीं होते रौशनी बुझाने से
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