जिसे दिल मे जगह दी थी वो ही सब बर्बाद कर गया....!!
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किसी को क्या बताएं कितने मजबूर हैं हम , चाहा है एक तुम्हें और तुम्ही से दूर है हम
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बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता...वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते हैं...!
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वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है; इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।
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काश ये दिल बेजान होता…न किसी के आने से धडकता…न किसी के जाने से तडपता…!
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होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
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कर दिया न फिर से तन्हा, कसम तो ऐसे दी थी जैसे तुम सिर्फ मेरे हो !!
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अब तो खुद को भी निखारा नहीं जाता मुझसे _वे भी क्या दिन थे कि तुमको भी संवारा हमने ...?
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चालाकी कहा मिलती है मुझे भी बताओ दोस्तों, हर कोई ठग लेता है जरा सा मीठा बोल कर.😊
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया…..!
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हर रोज़, हर वक़्त तुम्हारा ही ख्याल ना जाने किस कर्ज़ की किश्त हो तुम
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बड़ी कश्मोकश है इन दिनो ज़िन्दगी में...किसी को ढूंढते फिर रहे हैं हर किसी में....
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जब दिल गैरो मैं लग जाए तब अपनों मैं खामिया नजर आने लगती है
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अगर ख़ुशी मिलती है तुम्हे हम से जुदा होकर तोह दुआ है खुदा से की तुम्हे कभी हम न मिले
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"अकेले कैसे रहा जाता है , कुछ लोग यही सिखाने हमारी जिंदगी मे आते है
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बहुत सोच समज कर रूठा करो अपनो से, आज कल मनाने के रिवाज नही हैं ।। 💔
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मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया ||
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बहुत भीड हो गई है लोगों के दिलों में...इसलिए आजकल हम अकेले ही रहते हैं...!
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मालूम है मुझे की ये मुमकिन नहीं मगर 😍 एक आस सी रहती है कि तुम याद करोगे मुझें 😌
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मै तब भी अकेला नहीं था, नहीं आज भी हु, तब यारो का काफिला था, आज यादो का कांरवा है
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पहले तुम ही दुनिया लगते थे.. अब तुम भी दुनिया निकले..!!
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माना की मरने वालों को भुला देतें है….सभी ...मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावत ही बदल दी…
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कभी कभी नाराज़गी दूसरों से ज्यादा खुद से होती है |
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जब मोहब्बत बे-पनाह हो जाये ना.. तोह फिर पनाह कही नही मिलती
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अब शिकायतें नहीं होती किसी से, बस हल्का सा मुस्कुरा देता हूं.
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ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ! लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो ! 💯💯
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तेरी मुस्कान, तेरा लहज़ा, और तेरे मासूम से अल्फाज़..और क्या कहूँ... बस बहुत याद आते हो तुम..
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पता नहीं सुधर गया के बिगड़ गया, ये दिल अब किसी से बहस नहीं करता..!
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बहुत याद आते हो तुम , दुआ करो मेरी यादाश्ति चली जाये
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चैन से गुज़र रही थी ज़िन्दगी,और फिर तुम मिल गए!
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