जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं ।
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वो हाल भी ना पूछ सके...हमे..बे-हाल देख कर......हम हाल भी...ना बता सके... उसे खुश-हाल देख कर.......
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क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को, कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!!😍
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तू चालाकी से कोई चाल तो चल, जीतने का हुनर मुझ में आज भी हैं !
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रेस जब लंबी हो तो घोड़े चलते हैं और गधे दौड़ते हैं।
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उस काम का चयन कीजिये जिसे आप पसंद करते हों, फिर आप पूरी ज़िन्दगी एक दिन भी काम नहीं करंगे
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खामोशियां बेवजह नहीं होती कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते हैं
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एक ऐसा लक्ष्य भी होना चाहिए जो सुबह उठने पर मजबूर कर दे.
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जिंदा हूँ तब तक तो हालचाल पुछ लिया करो, मरने के बाद हम भी आजाद तुम भी आजाद |💔
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क्यों तुम खामोश हो गये..जी अब तक नहीं भरा था तेरी बातों से..
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बहुत देखा है ज़िन्दगी में समझदार बनकर ,, मगर खुशी हमेशा पागल बनकर ही मिली है।
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ज़माने को क्यों बताऊँ क्या हो तुम मेरे लिए, तुम्हें खामोशी से चाहना भी मुझे अच्छा लगता हैं ❤️
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सब खरीदा जा सकता हैं, बस जेब भारी चाहिए..!💰💯
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आखिर में खतम हो ही गए, वो रिश्ते उन लोगों से जिन्हे मिलके ये लगा था, की ये लोग जिन्दगी भर साथ देंगे |
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जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क 🥰 और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़ ❤️
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जो वक्त नहीं दे सकते वो साथ क्या देंगे |
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सिर्फ़ मोहब्बत की होती तो भुला देते उन्हें, ये पागल दिल तो इबादत कर बैठा 💔
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ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ।।
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इतने बड़े बनो कि जब आप खड़े हों तो कोई बैठा न रहे। 💯
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अधूरी ख़्वाहिश बनकर न रह जाना तुम ....दुबारा आने का इरादा नहीँ रखते हैं हम !!
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ज़िंदगी ने रुलाया भी उनको ... जो हँसते हुए बहुत अच्छे लगते है !
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सच्चे दोस्त कभी गिरने नही देते ।ना किसी की नजरो मै और ना किसी के कदमो मे
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हुआ था शोर पिछलि रात में दो चांद निकले है,बताओ क्या जरूरत थी तुम्हे छत पर टहलने की 🌙
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जो होकर भी ना हो.. उसका होना कैसा... नाम के रिश्तों से शिकवा कैसा..रोना कैसा....
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एक तो मेरा एकलौता प्यार.... ऊपर से तेरे नखरे
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नादान हूँ नादानियाँ कर जाता हूँ दुनियाँ के चक्कर में तुझे भूल जाता हूँ तेरा बडप्पन की तू सम्भाल लेता है मेरे गिरने से पहले तू थाम लेता है
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बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी, सिलती कुछ नहीं, बस चुभती चली जा रही है…🥺
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सिर्फ तेरे दीदार के लिये आते हैं तेरी गलियों में, वरना आवारगी के लिये तो पूरा शहर पड़ा है !!"
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यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है
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