यहाँ तो खुद से ही मिले जमाना हो गया ... और लोग कहते है कि हमें भूल गये हो तुम ...
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न ताज चाहिए न तख़्त चाहिए, मुझे यारों के साथ चाय पर वक़्त चाहिए..❤️
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एक सच्चा मित्र वो है जो उस वक़्त आपके साथ खड़ा है जब उसे कहीं और होना चाहिए था
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सुना है मतलब बहुत वजनदार होता है, निकल जाने के बाद हर रिश्ते हल्का कर देता है
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सब खफा है मेरे लहजे से पर मेरे हालात से वाकिफ कोई नहीं |
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हमने तो अल्फ़ाजों में अपना दर्द सुनाया था उन्हें, मगर वो शायरी समझ कर, मुस्कुरा कर चले गए।
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इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे....तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं....
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काफी मिलती जुलती थी हमारी आदते ,न उसने पुकारा न मेने पलट के देखा 😊
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बहुत दर्द देती है वो सजा, जो बिना खता के मिली हो।
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ख्वाहिश थी उस रिश्ते को बचाने की… और बस इक यही वजह थी मेरे हार जाने की…
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वो वक़्त कुछ और था, वो इश्क़ का दौर था, ये वक़्त कुछ और है, ये ख्वाहिशों का दौर है.!
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बहुत अंदर तक जला देती है, वो शिकायतें जो बयाँ नही होती..🔥🔥
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समझा दो उन समझदारों को…कि कातिलों 🗡️ की गली में भी दहशत हमारे 👿 ही नाम की ही है |
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मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!
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हर रोज़, हर वक़्त तुम्हारा ही ख्याल ना जाने किस कर्ज़ की किश्त हो तुम
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आदमी कभी भी इतना झूठा नहीं होता अगर औरतें इतने सवाल न करती
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जहाँ सच✅ ना चले वहां झूठ❎ ही सही जहाँ हक🤗 ना चले वहां लूट ही सही😈
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सिर्फ़ मोहब्बत की होती तो भुला देते उन्हें, ये पागल दिल तो इबादत कर बैठा 💔
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कर्मो से डरिये, ईश्वर से नहीं, ईश्वर माफ कर देता है | कर्म माफ नहीं करते !!
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ख्वाइश है की पूरी ये ख्वाइश हो जाए, वो छाता एक ही लाए और बारिश हो जाए.
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दुनिया खामोशी भी सुनती है, लेकिन पहले दहशत मचानी पड़ती है |😠
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हम रिश्ते कम बनाते है मगर दिल से निभाते है
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सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं और, जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया |
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आते है दिन हर किसीके बेहतर, जिंदगी के समंदर में हमेशा तुफान नहीं रहते !!
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हमे नहीं आता दर्द का दिखावा करना बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं
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यकीनन तुम्हें तलाशती हैं मेरी आंखें........ये बात अलग है हम ज़ाहिर नहीं होने देते.....
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वो मंज़िल ही बदनसीब थी, जो हमे न पा सकी वरना जीत की क्या औकात जो हमे ठुकरा दे |😎
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ज़िन्दगी से भला क्या शिकायत करें बस जिसे चाहा उसने समझा ही नही
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जहाँ कोशिशों का कद बड़ा होता है, वहाँ नसीबों को भी झुकना पड़ता है. 👍
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दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है
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