दिल की जिद हो तुम वरना, इन आखों ने बहुत लोग देखे है |❤️
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सच्चे दोस्त कभी गिरने नही देते ।ना किसी की नजरो मै और ना किसी के कदमो मे
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मै ज़िंदगी गिरवी रख दुंगा, तु सीर्फ कीमत बता मुस्कुराने की.
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ये बार बार छोड़ने का शौक तुम्हें ही था, हमनें तो पलके तक भिगोई थीं तुम्हें रोकने के खातिर.
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दोबारा इश्क़ हुआ तो तुझसे हे होगा खफा हूँ मैं बेवफा नहीं
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इश्क़ की किताब का उसुल है जनाब..मुड़ कर देखोगे..तो महोब्बत मानी जाएगी..
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समझ में ही नही आता कभी-कभी, ये सब क्या हो रहा जिंदगी में...बस.. चुप-चाप तमाशे देख रही हु जिंदगी के...
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लिख दे, मेरा अगला जनम उसके नाम पे... ए खुदा... इस जनम में, इश्क थोडा कम पड़ गया है..! ❤️
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अजीब अंदाज़ है मेरे महबूब की मासूमियत का, मैं तस्वीर में भी देखूँ तो वो पलकें झुका लेती है |🥰🥰
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जिंदगी में कामयाब बनना हो तो याद रखे, पाँव भले ही फिसल जाएँ पर जुबान को कभी फिसलने मत देना |
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"बेबस कर दिया है , तूने अपने बस में करके......."
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शुक्र है message का ज़माना है, वरना तुम तो मेरे भेजे गए कबूतर मार देती....
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सच्ची महोब्बत करने वाले इंसान के नसीब में सिर्फ तन्हाई लिखी होती है।
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जाने कैसे हो जाते हैं लोग कभी इसके कभी उसके और फिर किसी और के
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किसी के साथ रहो तो वफादार बन के रहो, धोखा देना गिरे हुए लोगों की पहचान होती है !
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जुनून सवार था किसीके अंदर ज़िंदा रहने का....हुआ यूं के हम अपने अंदर ही मर गये...
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आवाज़ नहीं होती दिल टूटने की. लेकिन तकलीफ बहुत होती हैं.
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जरा सा भी नहीं पिघलता दिल तुम्हारा, इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से खरीदा ..❤️🔥
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हम तो हँसते हैं दूसरों को हँसाने के लिए वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि ठीक से रोया भी नहीं जाता..
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इन् तरसती निग़ाहों का ख़्वाब है तू, आजा के बिन तेरे बहुत उदास हूँ मैं..!!
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अनजान बन कर मिले थे, पता ही नहीं चला कब जान बन गए.
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मुझे छोड़ने की वजह तो बता देते मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ार थे
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कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
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अब तो मोहब्बत 💕भी सरकारी नौकरी 🎓 जैसी लगती है, कम्बख्त ग़रीबों 👳 को तो मिलती ही नहीं
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देता सब कुछ है ✒ खुदा हमें, पर जिसे चाहो उसे छोड़कर...🔥
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अपनी पीठ से निकलें खंजरों को जब गिना मैंने, ठिक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने।😊😊
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नब्ज तो चल रही है आज भी मेरी पर, वो हकीम कहता है, मैं मर चुका हूं मोहब्बत में !
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खामोशियां बेवजह नहीं होती कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते हैं
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कुत्ता 🐕 है तू भोका कर दहाड 🦁 सिर्फ हमारी पेहचान है..!
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खुलकर उड़ने का शौक तो हमें भी है, साहब मगर घर की जिम्मेदारियों ने बाँध रखा है |
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