हमने तो मोहब्बत कीयी थी वो भी कर लेती तो शायद इश्क कहलाता...।
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खौफ तो आवारा कुत्ते भी मचाते हैं, पर दहशत हमेशा शेर की रहती है.🐅
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तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों👀की नमी…हँसना😁भी चाहूँ तो रूला😥देती है तेरी कमी…!!
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सीखा था गीटार जिसे पटाने के लिये आज ऑर्डर आया है, उसी की शादी में बजाने के लिये | 😂
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न जख्म भरे...,न शराब सहारा हुई..न वो वापस लौटी... न मोहब्बत दोबारा हुई.....!!
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कुछ ख्वाहिंशे कुछ चाहते अभी बाकी है..❣️❣️टूटकर भी लगता है … टूटना अभी बाकी है
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मुझे पसंद है शांत रहना इसे मेरी कमजोरी मत समझना |💪
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सुनो जान तुम मेरी पहली और आखरी पसंद नहीं बल्कि तुम मेरी एकलौती पसंद हो
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जरा ठहरो तो नजर भर के देखूँ, जमीन पे चांद कहां रोज रोज उतरता है 🥰🥰
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आदत थी मुझे सबसे हसकर बोलने की, मेरा शौंक ही मुझे बदनाम कर गया |😊
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मैंने दबी आवाज में पूछा, मोहब्बत करने लगी हो, नजरें झुका कर वो बोली, "बहुत"
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सिंगल होने का दुख नही है, 😔 गम इस बात का है, कि साला कोई यकीन नही करता | 🥺
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एक सफर जहां फिरसे सब 'शून्य' से शुरू करना होगा।
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नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं...जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं..
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साथ मेरे बैठा था, पर किसी और के करीब था , वो मेरा अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था।।💔🥺
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जिनकी हँसी खूबसूरत होती है, उनके जख्म काफी गहरे होते हैं.💔
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मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना
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अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है 💯💯
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बहोत याद आते हो तुम, दुआ करो,मेरी याददाश्त चली जाये..!
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आवाज़ नहीं होती दिल टूटने की. लेकिन तकलीफ बहुत होती हैं.
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टूटे हुए दिल भी धड़कतें हैं उम्र भर, चाहें किसी की याद में चाहे किसी की फरियाद में।
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हम जो सोचते हैं , वो बन जाते हैं
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सारी शिकायतों का हिसाब जोड़कर रखा था मैंने… उसने गले लगाकर सारा हिसाब ही बिगाड़ दिया ❤
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बहुत उदास 😔 है कोई तेरे चुप हो जाने से, हो सके तो बात कर किसी बहाने से। ❤️
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जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है||
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दिल धोखे में है और धोखेबाज़ दिल में
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मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहबत कि है , ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे
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तुम मेरी वो किताब हो , जिसका हर लफ्ज़ मुझे ज़बानी याद है
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कैसा अजीब खेल है मोहब्बत का जनाब, एक थक जाए तो दोनों हार जाते हैं |
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पता नहीं तेरे लगाये हुए ज़ख्म क्यूँ नहीं भरते, मेरे लगाये हुए तो पेड़ भी सूख जाते हैं |
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