ज़िन्दगी का सबसे लम्बा सफर एक मन से दूसरे मन तक पहुँचना है...और इसी में सबसे ज्यादा समय लगता है...
Copy
14
इस दुनिया के लोग भी कितने अजीब है ना , सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं
Copy
33
बहुत उदास हे कोई तेरे जाने से हो सके तो लौट आ किसी बहाने से, तू लाख खफा सही मगर एक बार तो देख ,कोइ टूट गया है तेरे रूठ जाने से।
Copy
211
मुद्दतें हो गईं हैं चुप रहते , कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते
Copy
29
कैसे कह देते हैं लोग रात गई बात गई, यहां जमाने गुज़र जाते हैं दिल पर लगी बात को भुलाने में |
Copy
28
भूल जाना तो जमाने की फितरत है, पर तुमने शुरुआत हमसे ही क्यों की.
Copy
38
नफ़रत की एक बात अच्छी लगी मुझे, ये मोहब्बत की तरह झूठी नहीं है साहब !!💯❤️
Copy
68
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते हैं
Copy
77
उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये
Copy
123
भीड़ तन्हाइयों का मेला है, यहाँ हर आदमी अकेला है |💯💯
Copy
73
मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहबत कि है , ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे
Copy
44
शिकायत जिन्दगी से नहीं , उनसे है जो जिन्दगी में नहीं है
Copy
17
मेरी मोहब्बत की कातिल मेरी ग़रीबी ठहरी उसे ले गए ऊँचे मकाँ वाले....!
Copy
55
किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती, जो लोग दिल में होते है, वो किस्मत में नहीं होते।😊😊
Copy
136
कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए..❗️ मै सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए..‼️
Copy
2K
रोज रोते रोज़ ये कहती है जिंदगी मुझसे, सिर्फ एक शख्स की खातिर यूँ मुझे बर्बाद ना कर।
Copy
141
हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए , हम समुन्दर से भी गहरे हो गए
Copy
31
इस छोटी सी उम्र में कितना कुछ लिख दिया मैंने, उम्रें लग जायेंगी, तुम्हे मुझे पूरा पढ़ने में।
Copy
845
ख्वाहिश थी उस रिश्ते को बचाने की… और बस इक यही वजह थी मेरे हार जाने की…
Copy
18
दिल धोखे में है और धोखेबाज़ दिल में
Copy
89
भूल सा गया हैं बो मुझे , समज नहीं आ रहा की हम आम हो गए उनके लिए या कोई खास बन गया है !
Copy
191
अनुभव कहता है, खामोशियाँ ही बेहतर है. शब्दो से लोग रूठते बहुत है।
Copy
50
थोड़ी जगह दे दे मुझे तेरे पास कहीं रह जाऊं मैं खामोशियाँ तेरी सुनु ओर दूर कहीं ना जाऊं मैं
Copy
61
कुछ नही मिलता बस एक सबक़ मिल जाता हैं, ख़ाक हो जाता हैं इंसान, ख़ाक से बने इंसान के पीछे।।
Copy
18
जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं ।
Copy
35
वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है खैर मेरी तो सिर्फ मुस्कुराहट थी
Copy
39
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है
Copy
95
कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
Copy
34
काश तुम्हें भी पता होता, तुम्हारे बगैर दिन कितना बुरा गुजरता है.
Copy
19
तुमको भी कहाँ जरूरत है मेरी, तुम्हारे लिये तो मैं भी बिछड़ा हुआ जमाना हूँ.....!!
Copy
52