कर्मो से डरिये, ईश्वर से नहीं, ईश्वर माफ कर देता है | कर्म माफ नहीं करते !!
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“कुछ को हकीकत कुछ को ख्वाब करना है, बोहत से लोग है जिनका हिसाब करना है।”🔥🔥
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माना मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे धीरे..*तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान हैं...!!🙄🙄
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मैं बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानता हूं, तय तुम्हे करना है कि तुम कौन सी धुन पर नाचोगी..!!🔫
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उसने इश्क की अर्थी सज़ा दी, जो कभी इश्क़ का गुलाम था ।💯💔
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॥ ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः ॥
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जंग भीड़ से नहीं, जिगर से जीती जाती है.💪
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नाम रुतबा शोहरत अपने दम पर कमाओ दूसरों के दम पर तो सिर्फ जनाज़े उठा करते हैं 😎
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कमाल की निशानेबाज हो तुम, तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो।।🤩🤩
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कभी सोचा न था की वो भी मुझे तनहा कर जायेगा!जो अक्सर परेशान देखकर कहता था.... मैं हूँ न
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यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है
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मैं भी तलाश में हूँ, अब किसी अपने की..कोई आप सा तो हो, लेकिन किसी और का ना हो..
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया…..
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झुण्ड की जरूरत तो कमजोरो को पड़ती हैं , तबाही मचाने के लिए तो मुझ जैसा एक शेर ही काफी हैं .💪 💪
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जो “दोगे” वही लौट कर आएगा, चाहे वह “इज्जत” हो या “धोखा”..💯
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सिनेमा नहीं हकीकत है जिंदगी,- जाने बाले पलटकर नहीं देखा करते.!!
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आँसू आ जाते हैं आँखों में पर लबों पर हंसी लानी पड़ती है ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है
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अंग्रेजी की किताब बन गई हो तुम | पसंद तो आती हो पर समझ् मे नही ||
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गुलामी तो तेरे इश्क की हे वरना, ये दिल कल भी नवाब था और आज भी हे!!🔥🔥
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया…..!
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गुल्लक की तरह था रिश्ता हमारा जब टूटा तब कीमत समझ में आई
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बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर, तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है..
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साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं : यही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते हैं
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सबको दिलासा देने वाला शख्स..अपने दुखों में हमेशा अकेला होता है!🥺
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माँ ! मैं सब कुछ भूल सकती हूँ…तुम्हे नहीं ।
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थम के रह जाती है ज़िंदगी जब जम के बरसती है पुरानी यादें
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सच्चे रिश्ते कुछ नहीं मांगते, सिवाय वक़्त और इज्ज़त के |
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बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था |
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क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे" खुश देखने के लिए 💔💔
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कुछ रुकी रुकी सी है ज़िन्दगी,कुछ चलते फिरते से है हम।
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