बहुत शौक से उतरे थे इश्क के समुन्दर में.. पहली ही लहर ने ऐसा डुबोया कि आज तक किनारा ना मिला
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रास्ते बदल गए हम यारों के, मगर रिश्ता आज भी वही पुराना है.
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तुम किताब-ए-इश्क़ तो बनो, पन्नो पर मोहब्बत हम भर देंगे.!
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वो मन बना चुके थे दूर जाने का, हमे लगा हमे मनाना नहीं आता
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शराफत का जमाना ही नहीं रहा साहिब, किसी को इज्ज़त दो तो वो कमज़ोर समझ लेता है !!✔️✔️
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खुद को बदलाव के लिए तैयार कीजिए, बहाने तो हर कोई बना लेता है 👍
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तेरी मुस्कान, तेरा लहज़ा, और तेरे मासूम से अल्फाज़..और क्या कहूँ... बस बहुत याद आते हो तुम..
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बेहद ख्याल रखा करो तुम अपना, मेरी आम सी जिन्दगी मैं बोहोत ख़ास हो तुम !
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हम तो बस जरूरत थे, जरूरी तो कोई और था | 🥺
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जो हमे समझ ही नहीं सका, उसे हक है हमें बुरा समझने का।😊
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वो बोलते रहे, हम सुनते रहे - जबाब आँखों में था , वो लफ्जों मे ढूढते रहे
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इस दिल में तुम्हारे सिवा किसी को इजाजत नहीं
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बहुत भरोसे टूटे...लेकिन भरोसे की, आदत नहीं गई..!!
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एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं…वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं ।
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ये जो रात को जागते है ना.. ये जानते है किसी को खोने का दर्द !!
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ठंड तो आज ऐसे पढ़ रही है जैसे कल उसका पेपर हो
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हमारे जैसे बनने की कोशिश मत करो शेर 🦁 पैदा होते हैं बनाये नहीं जाते !
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वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है |
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कभी मौका मिले तो सोचना ज़रूर कि एक लापरवाह शख़्स तेरी इतनी परवाह क्यूं करता है
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अब तो इज़ाज़त लेनी होगी तुम्हे याद करने से पहले, मालिक जो बदल लिए है तुमने ।😊😊
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शर्त लगी थी ख़ुशी को एक अलफ़ाज़ में लिखने की, लोग किताबें ढूंढ़ते रह गए हम ने दोस्त लिख दिए |
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क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया ” उसे ” खुश देखने के लिए
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मै तुमको भूल तो जाऊं मगर छोटी सी उलझन है.. सुना है... दिल से धड़कन की जुदाई मौत होती है ..!
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अगर मैं लहर बनूं, तुम किनारा बनना अगर मैं बहक जाऊं तो तुम सहारा बनना |
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बकवास करते रहना चाहिए मन लगा रहता है
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आज परछाई से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ, उसने भी हंसके कहा, और है कौन तेरे साथ |❤️
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सब्र रखो अभी मेहनत 💪 जारी है, वक्त ख़ुद कहेगा अब तेरी बारी है! ❤️
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समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी
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