आते है दिन हर किसीके बेहतर, जिंदगी के समंदर में हमेशा तुफान नहीं रहते !!
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एक ख़्वाब था की वह भी मुझे चाहे मेरी तरह पर ख़्वाब ही रह गया
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दर्द सिर का हो या दिल का, दोनों बहुत बुरे होते है.
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गुजर तो जायेगी जिन्दगी उसके बगैर भी लेकिन तरसता रहेगा ये दिल प्यार करने वालो को देखकर
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समझदार बनिए. गुस्से में लिया गया कोई भी निर्णय सही नहीं होता | 💯
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काम तो कुछ करती नहीं थक जाती हूँ बस तुम्हेे सोचते सोचते...।।
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हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए , हम समुन्दर से भी गहरे हो गए
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"उतर जाते है कुछ लोग दिल में इस कदर इन्हे दिल से निकालो तो जान निकल जाती है..."
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रिश्ता जताया नहीं निभाया जाता है,फिर चाहे वो दूर हो या पास.
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समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी
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अपना ख्याल रक्खा करो बेशक साँसे तुम्हारी है लेकिन जान तो हमारी है .
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पसंद है मुझे उन लोगों से हारना, जो लोग मेरे हारने की वजह से पहली बार जीते हों..!!❤️🔥
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प्यार वो नहीं है जो दुनिया को दिखाया जाये बल्कि वो है जो दिल से निभाया जाए
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सब लोग बुरे नहीं होते कुछ लोगों का दिमाग खराब होता है
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तुम बिन जिया जाए कैसे …कैसे जिया जाए तुम बिन…
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कितनी झूठी है ना मोहब्बत की कसमे, देखो ना ! तुम भी जिन्दा हो, मै भी जिन्दा हुँ
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छीन लेता है हर चीज मुझसे ऐ खुदा.. क्या तू भी इतना गरीब है..😥😥
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ख्वाइश है की पूरी ये ख्वाइश हो जाए, वो छाता एक ही लाए और बारिश हो जाए.
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खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे |❤️
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मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है ,हम तन्हाई में बैठे रोते है,लोगो ने हमे महफ़िल में हस्ते देखा है।
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खूबसूरत तो मुझे वो बाद में लगी, पहले तो मुझे मोहब्बत हुई थी.
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कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले… यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,बस कोई दिल से नहीं मिलता
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हारने के बाद भी खड़ा होना चाहिए, इंसान का संघर्ष इतना बड़ा होना चाहिये |
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हमने तो अल्फांजों में अपना दर्द सुनाया था उन्हें, मगर वो शायरी समझ कर, मुस्कुरा कर चले गए |
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तूने कैसे थामा होगा हाथ उसका, तेरी हथेली को भी आदत मेरी थी। 🥺🥺
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हर आरम्भ का मैं अंत हूँ, हर अंत का मैं आरम्भ हूँ , मैं सत्य हूँ; मैं शिव हूँ; मैं काल हूँ; मैं ही महाकाल हूँ !
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खुश रहना है तो,चुप रहना सीखो क्योंकि खुशियों को शोर पसंद नहीं होता...|
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हम तो हँसते हैं दूसरों को हँसाने के लिए, वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि ठीक से रोया भी नहीं जाता
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मेरी सोच और मेरी पहचान, दोनों ही तेरे औकात से बाहर है!
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उनको लगी खरोंच का पता पुरे शहर को है, हमारे गहरे जख्म की कहीं चर्चा तक नहीं !!
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