यक़ीं न आए तो इक बार पूछ कर देखो जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा...
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दिल धोखे में है और धोखेबाज़ दिल में
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89
कुछ भी झूठ हो सकता है, मगर अकेले में बहाए आँसू नहीं.
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होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
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काश तुम्हें भी पता होता, तुम्हारे बगैर दिन कितना बुरा गुजरता है.
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19
बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी ...सिलती कुछ नहीं ... बस चुभती चली जा रही है ...
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40
डाल कर...आदत बेपनाह मोहब्बत की...अब वो कहते है...कि...समझा करो वक़्त नही है...
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सच कहा था किसी ने कि तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है |
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मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,अब रातों को जागना अच्छा लगता है…
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अजीब खेल है ये मोहब्बत का किसी को हम न मिले कोई हमें ना मिला |
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14
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ सच बोलने का नशा और हम लावारिस हो गए..
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25
याद हैं हमको अपने तीनो गुनाह ! एक तो मोहबत कर ली, दूसरा तुमसे कर ली और तीसरा बेपनाह कर ली...!
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लफ्ज ढाई अक्षर ही थे.....कभी प्यार बन गए तो कभी जख्म.......
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मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया ||
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एक घुटन सी होती है जीने में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं
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कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले… यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,बस कोई दिल से नहीं मिलता
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चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल उनका, डर है कहीं कह ना दे के ये हक तुम्हे किसने दिया। 😐
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829
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा , वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!
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31
कुछ ख्वाहिंशे कुछ चाहते अभी बाकी है..❣️❣️टूटकर भी लगता है … टूटना अभी बाकी है
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47
कर दिया न फिर से तन्हा, कसम तो ऐसे दी थी जैसे तुम सिर्फ मेरे हो !!
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मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह, उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा
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मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती, पाला है बड़े नाज़ से मेरे गमों ने मुझे!!
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मुझे "परखने " में पूरी ज़िन्दगी लगा दी उसने काश कुछ वक़्त "समझने" में लगाया होता
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मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी , जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे. ..!
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अब तो मोहब्बत 💕भी सरकारी नौकरी 🎓 जैसी लगती है, कम्बख्त ग़रीबों 👳 को तो मिलती ही नहीं
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जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं ।
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सबको दिलासा देने वाला शख्स..अपने दुखों में हमेशा अकेला होता है!🥺
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मुलाकात बनकर मिला था मुझ से कोई बड़ी जल्दी गुजर गया वक़्त की तरह.
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कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए..❗️ मै सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए..‼️
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क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ़ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते है तुझे
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