फ़ासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना, मुहब्बत💗बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती👏…!!
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57
कभी ये मत सोचना की याद नहीं करते , हम रात की आखिरी और सुबह की पहली सोच हो तुम
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236
अधूरी ख़्वाहिश बनकर न रह जाना तुम ....दुबारा आने का इरादा नहीँ रखते हैं हम !!
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40
कोई ठुकरा दे तो हसकर जी लेना, क्यूकि मोहब्बत की दुनिया में जबरदस्ती नहीं होती !
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10
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!!!
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इस छोटी सी उम्र में कितना कुछ लिख दिया मैंने, उम्रें लग जायेंगी, तुम्हे मुझे पूरा पढ़ने में।
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खुद से बातें करने लगी हूँ, वैसे भी आजकल लोग सुनते कहाँ हैं ,
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उसने कहा तुम सबसे अलग हो, सच कहा और कर दिया मुझे सबसे अलग |
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ना शाखों ने जगह दी ,, ना हवाओं ने बख्शा..! मैं हूँ टुटा हुआ पत्ता . आवारा ना बनता तो क्या करता
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पास आकर सभी दूर चले जाते है अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है इस दिल का दर्द दिखाए किसे मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है।
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113
उसे ये कोन बतलाये, उसे ये कोन समझाए कि खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है
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22
कितना भी मुश्किल क्यूँ न हो सफ़र जिंदगी का, मोहब्बत का साथ मिले तो आसानी से कट जाता है !
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कुछ भी झूठ हो सकता है, मगर अकेले में बहाए आँसू नहीं.
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हमारे पास तो बस तेरी यादें है, ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो जिसके पास तू है !!
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तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा , वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!
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काश तुम्हें भी पता होता, तुम्हारे बगैर दिन कितना बुरा गुजरता है.
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19
अगर तुम कहो तो मैं खुद को भुला दूं, तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है !!
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14
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया…..!
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चलो बिखरने देते है जिंदगी को सँभालने की भी हद होती है
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ज़िंदगी में प्यार क्या होता है ये उस शक्स से पूछो जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतज़ार किया हो
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काश वो भी आकर हम से कह दे , मैं भी तन्हाँ हूँ , तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए...!!
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19
सफर में कही तो दगा खा गए हम जहाँ से चले थे वही आ गए हम
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जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते हैं
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बदल दिया है मुझे मेरे चाहने वालो ने ही… वरना मुझ जैसे शख्स में इतनी खामोशी कहाँ थी...
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ऐ दिल तू क्यों रोता है , ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है.
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अब तो खुद को भी निखारा नहीं जाता मुझसे _वे भी क्या दिन थे कि तुमको भी संवारा हमने ...?
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तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को, ना कोई काम करता है,ना कोई बात सुनता है .....
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थोड़ी जगह दे दे मुझे तेरे पास कहीं रह जाऊं मैं खामोशियाँ तेरी सुनु ओर दूर कहीं ना जाऊं मैं
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अनुभव कहता है, खामोशियाँ ही बेहतर है. शब्दो से लोग रूठते बहुत है।
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दास्तां सुनाऊं और मज़ाक़ बन जाऊँ बेहतर है मुस्कुराऊं और ख़ामोश रह जाऊँ
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